Plotter – प्लॉटर
Definition –
प्लॉटर प्रिन्टर का ही एक प्रकार है, जिसका प्रयोग – टेक्स्ट, इमेज, ड्रॉइंग, ग्राफ एवं अन्य तरह की डिजाइन्स व ग्राफिक्स को, बड़े आकार एवं हाई क्वालिटी में ड्रॉ करके, प्रिंट करने के लिए किया जाता है। यह एक हार्ड कॉपी, आउटपुट डिवाइस है।
इसमें ड्राइंग बनाने के लिए – पेन, पेंसिल एवं मार्कर आदि राइटिंग टूल का इस्तेमाल किया जाता है। यह राइटिंग टूल सिंगल कलर या मल्टी कलर के हो सकते हैं एवं यह ऑटोमेटेकली मोटर द्वारा चलाए जाते हैं।
सबसे पहला प्लॉटर, रैमिंगटन रैण्ड (Ramington Rand) द्वारा 1935 में विकसित या गया था। शुरुआत में यह UNIVAC computer के साथ जोड़कर उपयोग किया जाता था।
प्लॉटर का सिद्धान्त –
सामान्यत: Plotter द्वारा बनायी गयी ड्रॉइंग्स अक्सर vector graphics के सिद्धान्त पर आधारित होती हैं जिसमें lines, circles, curves एवं अन्य shapes की मदद से विभिन्न प्रकार की डिजाइन्स ड्रॉ की जाती है। अर्थात plotter, वेक्टर ग्रॉफिक्स को ड्रॉ एवं प्रिन्ट करता है। जबकि printer, रास्टर ग्रॉफिक्स के सिद्धान्त पर कार्य करता है जिसमें कोई भी image, text आदि छोटे-छोटे dots (pixels) से मिलकर बना होता है। ये pixels, ग्रिड अथवा मैक्ट्रिक्स में व्यवस्थित होते हैं।
इसमें ड्रॉइंग को बड़े साइज के कागज, वेलम (vellum – चर्मपत्र), पॉलीस्टर फिल्म (माइलार – mylar), विनाइल शीट, फैब्रिक (एक प्रकार का कपड़ा) एवं अन्य PVC sheet पर निर्मित किया जाता है।
प्लॉटर द्वारा की जाने वाली ड्रॉइंग अथवा प्रिन्टिंग की गति को inches/second अथवा millimeters per second (mm/s) से मापा जाता है।
उपयोग –
इसका उपयोग – होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, ग्राफ, स्टीकर, बिलबोर्ड, ड्राइंग, चार्ट, जियोग्रॉफिकल मैप, बिल्डिंग डिजाइन (भवन/ बिल्डिंग का नक्सा), ब्लूप्रिंट, आर्किटेक्चरल प्लान एवं इंजीनियरिंग डायग्राम (CAD), रोड साइन, टेक्सटाइल डिजाइन, 3D ग्राफिक्स एवं 3D डिजाइन आदि को ड्रॉ अथवा प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
प्लॉटर को उपयोग करने के लिए, इसे कंप्यूटर से USB cable के माध्यम से कनेक्ट किया जाता है। कंप्यूटर में इंस्टॉल ग्राफिक्स डिजाइन सॉफ्टवेयर जैसे – Adobe Photoshop, Corel draw आदि की सहायता से वांछित डिजाइन तैयार करके, जुड़े हुए प्लॉटर के माध्यम से हाई क्वालिटी में आउटपुट प्राप्त किया जाता है।
Types of Plotter – प्लॉटर के प्रकार
जिस तरह प्रिंटर कई प्रकार के होते हैं उसी तरह प्लॉटर भी कई प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं –
बनावट (संरचना) के आधार पर प्लॉटर के प्रकार –
- Drum Plotter
- Flat bed Plotter
Drawing/ Printing करने की तकनीक के आधार पर प्लॉटर के प्रकार –
- Pen Plotter
- Inkjet Plotter
- Laser Plotter
- Electrostatic Plotter (इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर)
- Thermal Plotter
- Cutting Plotter
बनावट (संरचना) के आधार पर प्लॉटर के प्रकार –
1. Drum Plotter (ड्रम प्लॉटर)
ड्रम प्लॉटर एक पेन प्लॉटर है। इसमें धातु या प्लास्टिक का बना एक ड्रम (बेलन) होता है, जिस भी कागज या अन्य ड्रॉइंग शीट पर डिजाइन या चित्र आदि बनाना होता है उसको ड्रम के ऊपर लगा दिया जाता है। ड्रम क्लाकवाइज एवं एंटी-क्लाकवाइज दोनों दिशाओं में घूम सकता है, ड्रॉइंग शीट इसी ड्रम की मदद से roll करती है।
ड्रॉइंग बनाने के लिए इसमें कई रंगों की पेन, पेंसिल, या मार्कर आदि का प्रयोग किया जाता है।
Pens, एक मैकेनिकल उपकरण में लगे होते हैं जिसे रोबोटिक ड्रॉइंग आर्म कहते हैं रोबोटिक ड्रॉइंग आर्म को moving arm, Carriage (कैरिएज), head आदि नामों से भी जाना जाता है। जो ड्रम के ऊपर कार्य करता है।
ड्रॉइंग या प्रिंटिंग का कार्य संपन्न करने के लिए, कागज अथवा अन्य प्रकार की ड्रॉइंग शीट को ड्रम के ऊपर रखा जाता है इस प्लॉटर में लगा हुआ मूविंग आर्म अर्थात हेड, ड्रम की सतह पर दाएं- बाएं (horizontally) एवं ऊपर-नीचे (vertically) पूरे ड्रम की लंबाई में घूम-घूम करके, लगे हुए pens की मदद से वांछित ड्रॉइंग अथवा डिजाइंस को ड्रॉ कर देता है।
जैसे-जैसे ड्रॉइंग का कार्य head में लगे हुए pen के द्वारा होता जाता है ड्रम धीरे-धीरे घूम कर, ड्रॉइंग शीट को आगे भेजता जाता है।
पेन, ड्रम के ऊपर लगे कागज पर टिक कर ड्रॉइंग बनाती है ड्रम एवं हेड दोनों के एक साथ मूव होने पर प्रिंटिंग/ ड्राइंग का कार्य पूरा होता है।
संक्षेप में,
Drum Plotter में प्लॉटिंग सरफेस के रूप में घूमते हुए ड्रम (rotating drum) का उपयोग किया जाता है जिस पर कागज अथवा अन्य प्रकार की ड्रॉइंग शीट को लपेट कर pens की मदद से ड्रॉइंग अर्थात् प्रिंटिंग का कार्य संपन्न किया जाता है।
रोलर प्लॉटर (Roller Plotter)
ड्रम प्लॉटर का ही एक अन्य प्रकार रोलर प्लॉटर भी है पर इसमें कागज को मूव करने के लिए कई rollers का उपयोग किया जाता है।
ड्रम प्लॉटर एवं रोलर प्लॉटर का उपयोग करके, बड़ी सीट (large sheet) पर हाई क्वालिटी के ड्रॉइंग एवं प्रिंटिंग के कार्य को संपन्न किया जा सकता है।
2. Flat bed Plotter (फ्लैट बेड प्लॉटर)
यह चौकोर आकार में होता है।
फ्लैट बेड प्लॉटर में टेबल या बेड की आकृति जैसी समतल सतह (flat surface) होती है जो इस प्लॉटर की प्लॉटिंग सतह (plotting surface) कहलाती है। जिस पर कागज अथवा अन्य प्रकार की ड्रॉइंग सीट को बिछाया जाता है।
इस प्लॉटर के प्लॉटिंग सतह के ऊपर एक रॉड या छड़ लगी होती है जिसे rails अथवा guide-ways (रेल अथवा गाइडवेज) कहते हैं, जिसमें प्लॉटर का हेड अथवा कैरिएज लगा होता है यह कैरिएज अथवा हेड ही ड्रॉइंग करने के लिए कई रंगों की pen, pencil, marker एवं अन्य ड्रॉइंग टूल्स को होल्ड करके रखता है।
प्लॉटिंग सतह, (जिस पर कागज बिछा हुआ होता है) के ऊपर लगा हुआ rails, कागज (प्लॉटिंग सतह) के आगे अथवा पीछे गति करता है, एवं इस पर लगा हुआ head दाएं-बाएं गति करके कागज या अन्य ड्रॉइंग सीट पर pens आदि ड्रॉइंग टूल्स की मदद से वंछित designs को ड्रॉ कर देता है।
प्लॉटिंग सतह (Plotting surface) – वह सतह जिस पर कागज अथवा अन्य drawing sheet रखी जाती है।
User, कंप्यूटर पर अपनी जरूरत के अनुसार, ग्राफिक्स को डिजाइन करता है फिर computer से जुड़े हुए प्लॉटर को प्रिंट/ड्रॉ करने का command देता है प्लॉटर कमांड को ग्रहण करके कम्प्यूटर पर बनाई गई डिजाइन्स को प्रिंट/ड्रॉ कर देता है।
Drawing/ Printing करने की तकनीक के आधार पर प्लॉटर के प्रकार –
1. Pen Plotter (पेन प्लॉटर) –
पेन प्लॉटर में एक या विभिन्न colours के पेन, पेंसिल, मार्कर आदि का प्रयोग, कागज अथवा अन्य ड्रॉइंग शीट पर, चित्र, इमेज, ड्राइंग, डिजाइन्स आदि आकृतियों को बनाने के लिए किया जाता है।
2. Inkjet Plotter (इंकजेट प्लॉटर) –
इंकजेट प्लॉटर, इंकजेट प्रिंटर की तरह ही इंकजेट तकनीक पर कार्य करता है। इसमें स्याही की छोटी-छोटी बूंदों को प्रिंट हेड में बने नोजल्स (nozzles) के द्वारा छिड़क कर, कागज एवं अन्य ड्रॉइंग शीट पर डिजाइंस अथवा आकृतियां बनाई जाती हैं।
नोजल्स (nozzles), प्रिंट हेड में बने छोटे-छोटे बारीक छिद्र होते हैं, जिनके माध्यम से प्रिंट हेड द्वारा, स्याही की छोटी-छोटी बूंदों को बौछार के साथ, कागज या अन्य ड्राइंग सीट पर, छिड़क करके छपाई का कार्य संपन्न किया जाता है।
Inkjet Plotter का प्रयोग large format में प्रिटिंग जैसे कि – आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग, maps, poster आदि प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है।
3. Laser Plotter (लेज़र प्लॉटर) –
लेज़र प्लाटर एक एैसा प्लाटर होता है जो कि चित्र, डिजाइन, आकृति या अन्य प्रकार की ग्राफिक्स बड़ी ही सटीकता व शुद्धता के साथ बनाने के लिए लेज़र बीम का उपयोग करता है।
पारंपरिक प्लाटर के विपरीत, जो कागज पर रेखाएं खींचने के लिए पेन (pens) का उपयोग करते हैं, लेज़र प्लॉटर मटेरियल को कट करने, खोदने, उकेरने (engrave) या चिन्हित करने के लिए लेज़र का उपयोग करता है, जिसके परिणाम स्वरुप बहुत ही बारीक विवरण, शुद्धता एवं सटीकता के साथ आउटपुट प्राप्त होता है।
लेज़र प्लॉटर का उपयोग आम तौर पर इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चरल एवं मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों में किया जाता है, जहां शुद्ध, सटीक एवं विस्तृत ग्राफिकल आउटपुट की आवश्यकता होती है।
लेज़र प्लॉटर लेज़र बीम की सहायता से, कागज, लकड़ी, एक्रेलिक, धातु, कपड़े एवं अन्य आउटपुट मटेरियल को भौतिक रूप से बिना छुए बहुत ही शुद्धता व बारीकी के साथ कट करके, चाही गई डिजाइन को उकेर कर, या चिन्हित करके आउटपुट प्रदान करता है।
लेज़र बीम विभिन्न प्रकार की हो सकती है – जैसे non-metallic material (गैर-धात्विक पदार्थ) को काटने के लिए CO2 लेज़र जबकि धातुओं को काटने के लिए फाइबर लेज़र बीम का इस्तेमाल किया जाता है।
Laser Plotter के उपयोग – Application of Laser Plotter
Manufacturing – चाहे गए parts एवं components को निश्चित आकृति व डिजाइन के अनुरूप काटकर व उन पर नक्काशी करके बनाना।
Signage – Signs एवं डिस्प्ले बनाना।
Jewellery – अभूषणों को कट करने एवं उन पर डिजाइन बनाने के लिए।
Prototype – उच्च परिशुद्धता के साथ तेजी से प्रोटोटाइप को बनाने के लिए।
Art and Design – विस्तृत विवरण के साथ कलाकृतियॉं और कस्टॉमाइज्ड डिजाइन बनाने के लिए।
संक्षेप में –
लेज़र प्लॉटर लेजर बीम की मदद से, आउटपुट मटेरियल को निश्चित आकृति एवं डिजाइन में cut करके, खोद करके, एवं चिन्हित करके बहुत ही सटीक, विस्तृत, परिशुद्ध एवं तेज गति के साथ output प्रदान करता है।
4. इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर (Electrostatic Plotter)
इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर एक विशेष प्रकार का प्लॉटर है जो लेजर प्रिंटर के समान ही लेजर तकनीक का प्रयोग करता है, और विद्युत-स्थैतिक चार्ज (electrostatic charges) का उपयोग करके बड़े आकार के ग्राफिक्स और चित्रों को विभिन्न प्रकार के मीडिया (जैसे कि – कागज, प्लास्टिक शीट आदि ) पर हाई क्वालिटी की प्रिंटिंग प्रदान करता है।
यह तकनीक फोटो-कॉपी मशीनों और लेज़र प्रिंटर की तरह काम करती है।
यह प्लॉटर प्रिंट करने लिए विभिन्न रंगों के टोनर (स्याही जो सुखे बारीक पाउडर जैसे होती है) का प्रयोग करता है।
एवं तेज गति से कार्य करता है एवं हाई रिजॉल्यूशन के साथ स्पष्ट एवं हाई क्वालिटी में आउटपुट प्रदान करता है।
कार्य करने का तरीका (Working process of Electrostatic Plotter)
- इलेक्ट्रोस्टेटिक इमेज का निर्माण: इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर में, सबसे पहले कागज पर जिस इमेज को प्रिन्ट करना है उसका एक इलेकट्रोस्टेटिक इमेज, इलेक्ट्रोस्टेटिक आवेश (विद्युत-स्थैतिक चार्ज) द्वारा निर्मित किया जाता है।
इलेक्ट्रोस्टेटिक इमेज = print किये जाने वाले documents/pages/images का अस्थायी रूप होता है।
- टोनर एप्लीकेशन: इसके बाद, टोनर (एक प्रकार की स्याही जो बारीक पाउडर जैसे होती है) को चार्ज किए गए क्षेत्रों पर (इलेकट्रोस्टेटिक इमेज पर) लगाया जाता है। चार्ज वाले क्षेत्र टोनर को आकर्षित करते हैं, जबकि बिना चार्ज वाले क्षेत्र नहीं करते हैं।
- फ्यूज़िंग: टोनर को कागज पर स्थायी रूप से सथापित करने के लिए ताप एवं दाब (heat and pressure) का उपयोग किया जाता है, जिससे अंतिम प्रिंट आउट प्राप्त हो जाता है।
विशेषताएँ
- उच्च रिज़ॉल्यूशन: इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर उच्च रिज़ॉल्यूशन प्रिंटिंग में सक्षम होते हैं, जिससे बारीक डिटेल्स को भी स्पष्ट रूप से प्रिंट किया जा सकता है।
- तेज़ प्रिंटिंग गति: अन्य प्रकार के प्लॉटर की तुलना में, यह तेजी से काम करता है।
- रंगीन और ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटिंग: यह उपकरण रंगीन और ब्लैक एंड व्हाइट दोनों प्रकार की प्रिंटिंग कर सकता है।
उपयोग
इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर का उपयोग विशेष रूप से उन स्थानों पर किया जाता है जहां बड़े आकार के ग्राफिक्स, मैप्स, इंजीनियरिंग ड्रॉइंग्स और आर्किटेक्चरल प्लान्स की आवश्यकता होती है, जैसे कि:
- आर्किटेक्चरल फर्म: भवनों और संरचनाओं के विस्तृत प्लान्स और डिज़ाइनों को प्रिंट करने के लिए।
- इंजीनियरिंग कंपनियाँ: मशीनों और उपकरणों के विस्तृत तकनीकी ड्रॉइंग्स को प्रिंट करने के लिए।
- मानचित्रण एजेंसियाँ: बड़े और विस्तृत नक्शे बनाने के लिए।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर एक अत्यधिक प्रभावी और कुशल उपकरण है, जिसका उपयोग विशेष रूप से बड़े और विस्तृत प्रिंट्स के लिए किया जाता है। इसकी उच्च रिज़ॉल्यूशन और तेज़ प्रिंटिंग क्षमता इसे विभिन्न उद्योगों में अत्यधिक उपयोगी बनाती है।
5. Thermal Plotter (थर्मल प्लॉटर) –
थर्मल प्लॉटर एक विशेष प्रकार के प्लॉटर होते हैं जो ताप (ऊष्मा) का प्रयोग कागज या अन्य शीट पर designs व drawing बनाने के लिए करते हैं।
इस प्लॉटर में थर्मल प्रिंटर की तरह ही थर्मोक्रोमिक कागज या अन्य बड़ी सीट का प्रयोग किया जाता है।
इसके प्रिंट हेड में छोटे-छोटे हीटिंग एलिमेंट्स होते हैं, ये हीटिंग एलिमेंट्स, छोटे-छोटे dots से मिलकर बने होते हैं एवं ग्रिड या मैट्रिक्स में व्यवस्थित होते हैं।
वांछित आकृति प्रदान करने के लिए plotter द्वारा प्रत्येक हीटिंग एलिमेंट्स को स्वतंत्र रूप से कंट्रोल अथवा एक्टिवेट व डीएक्टिवेट किया जा सकता है।
जब किसी drawing, image एवं किसी भी प्रकार के चित्र आदि को प्रिंट करना होता है तो प्रिंट हेड में लगे ये हीटिंग एलिमेंट्स (dots ), प्रिंट किये जाने वाली आकृति के अनुसार एक्टिवेट किए जाते हैं, जिससे ये ऊष्मा (ताप) उत्पन्न करते हैं और ताप की वजह से थर्मोक्रोमिक पेपर पर प्रिंट की जाने वाली आकृति का निर्माण हो जाता हैा
थर्मल प्लॉटर की कार्य विधि थर्मल प्रिंटर के जैसे ही है अंतर केवल इतना है कि थर्मल प्लॉटर का प्रयोग बड़ी शीट्स पर ड्राइंग एवं प्रिंटिंग करने के लिए किया जाता है जबकि थर्मल प्रिंटर का उपयोग normal documents एवं receipt (रसीद), लेबल, टैग आदि प्रिंट करने लिए किया जाता है।
6. Cutting Plotter (कटिंग प्लॉटर)
कटिंग प्लॉटर, एक विशेष प्लॉटर होता है जो आउटपुट शीट को, विशेष प्रकार की आकृति एवं डिजाइन्स के अनुसार काट करके आउटपुट प्रदान करता है। कटिंग करने के लिए इसमें तेज धार वाली ब्लेड लगी होती है जिसे automated plotter knife भी कहते हैं।
यह प्लॉटर pens अथवा स्याही आदि का उपयोग ना करके, शार्प ब्लेड (तेज धार वाली ब्लेड) का उपयोग डिजाइन्स को विशेष आकृति में काट करके बनाने के लिए करता है। इसे cut computer plotter भी कहते हैं।
Output sheet के रूप में यह – विनाइल, पेपर, कार्डस्टॉक, फैब्रिक एवं अन्य पतले पदार्थ का उपयोग करता है एवं वांछित आकार, आकृति एवं डिजाइन्स में इन्हें cut करके, आउटपुट प्रदान करता है।
कटिंग प्लॉटर के उपयोग –
- Apparel design – कपड़ों पर प्रिंट की जाने वाली विभिन्न प्रकार की डिजाइन्स, फोटो, सीनरी, अक्षर आदि कटिंग प्लॉटर द्वारा ही निश्चित आकृति में कट करके, विनाइल सीट पर बनाई जाती है, जिन्हें कपड़ों पर चिपका कर ताप देने वाली मशीन से ताप देकर फिक्स कर दिया जाता है।
- विभिन्न आकृति एवं आकर के स्टीकर, लेबल, टैग्स आदि बनाने में।
- ग्रीटिंग कार्ड एवं दूसरे अन्य प्रकार के कार्डों को विशेष आकृत में काटने में।
- गाड़ियों में लगे ग्राफिक्स, स्टीकर्स आदि भी कटिंग प्लॉटर द्वारा ही कट करके बनाये जाते हैं।
- विशेष आकृति में sign, banners आदि बनाने में।
- किसी भी प्रकार की वस्तु की डिजाइन को उनके मूल आकृति में प्राप्त किया जा सकता है इस प्लॉटर की मदद से।
प्लॉटर एवं प्रिन्टर में अन्तर – Difference between Plotter and Printer
Printer | Plotter |
प्रिन्टर आकार में छोटे होते हैं। | ये बड़े आकार के होते हैं। |
रास्टर ग्रॉफिक्स के सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। | वेक्टर ग्रॉफिक्स के सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। |
सभी आउटपुट्स dots से मिलकर बने होते हैं। | इसमें आउटपुट्स, lines, curve, circle एवं विभिन्न प्रकार के shapes से मिलकर बने होते हैं। |
प्रिन्टिग क्वालिटी DPI (dots per inch) से मापी जाती है। | प्रिन्टिग क्वालिटी LPI (line per inch) से मापी जाती है। |
सामान्यत: प्रिन्टर का उपयोग Output को विभिन्न साइज के कागज पर प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है। | जबकि प्लॉटर का उपयोग करके output को बड़े साइज के कागज, वेलम (vellum – चर्मपत्र), पॉलीस्टर फिल्म (माइलार – mylar), विनाइल शीट, फैब्रिक (एक प्रकार का कपड़ा) एवं अन्य PVC sheet पर प्रिन्ट कर सकते हैं। |
यह output (text, image आदि) को बनाने के लिए inkjet/ laser आदि तकनीकों का प्रयोग करता हैं। | जबकि प्लॉटर, pen, pencil, marker आदि का उपयोग outputs (designs, drawing आदि) को ड्रॉ करने या बनाने के लिए करता है। |
इसका उपयोग text, image आदि outputs को high quality के साथ सामान्य साइज के कागज पर प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है। | इसका उपयोग, large size के ग्राफिक्स एवं डिजाइन्स को large sheets अथवा rolls of paper पर high quality में ड्रॉ करके प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है। |
यह जनरल एवं स्पेशल परपज उपयोग के लिए बना है। | यह स्पेशल परपज उपयोग के लिए बना है। |
उपयोग –
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उपयोग –
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