कम्प्यूटर के अवयव/घटक/भाग
कम्प्यूटर के अवयवों को समझाइए?
एक computer system अलग- अलग अवयवों से मिलकर बना होता है, इन सभी अवयवों को assemble करने (जोड़ने) के बाद एक पूर्ण कंप्यूटर सिस्टम तैयार होता है। ये कंपोनेंट सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर होते हैं जो निम्नलिखित हैं –
Software components – सॉफ़्टवेयर घटक
सॉफ़्टवेयर कम्पोनेन्ट्स, विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम (सॉफ़्टवेयर) एवं निर्देश होते हैं, जो हार्डवेयर को बताते हैं कि किसी विशिष्ट कार्य या फ़ंक्शन को कैसे निष्पादित (perform) करना है। ये अमूर्त (intangible) होते हैं और हार्ड ड्राइव, या फ्लैश ड्राइव जैसे SSD आदि स्टोरेज डिवाइस पर संग्रहित रहते हैं।
सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट्स में ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे Windows, macOS, Linux), एप्लिकेशन (जैसे वर्ड प्रोसेसर, वेब ब्राउज़र, अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, गेम), यूटिलिटीज, डिवाइस ड्राइवर, लाइब्रेरी और अन्य प्रकार के सिस्टम सॉफ्टवेयर (जैसे फर्मवेयर) आदि शामिल हैं।
सॉफ़्टवेयर घटक, हार्डवेयर घटकों को विभिन्न प्रकार के कार्यों को execute करने, डेटा प्रोसेस करने और उपयोगकर्ताओं के साथ इन्टरैक्ट करने के लिए आवश्यक निर्देश, लॉजिक एवं वातावरण प्रदान करते हैं।
Hardware components – हार्डवेयर घटक
कंप्यूटर के हार्डवेयर कम्पोनेन्ट्स, वे physical parts होते हैं जिन्हें आप भौतिक रूप से छू सकते हैं, देख सकते हैं एवं ये सम्पूर्ण कंप्यूटर सिस्टम का निर्माण करते हैं और कंप्यूटर सिस्टम से जुड़े होते हैं। ये घटक सरल डेटा एन्ट्री से लेकर जटिल प्रोसेसिंग और स्टोरेज तक विभिन्न कंप्यूटिंग कार्यों को करने के लिए एक साथ काम करते हैं –
इन घटकों को उनके कार्यों के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- CPU
- Motherboard
- RAM
- ROM
- Storage
- Video card (GPU)
- Sound card
- Network card
- Power Supply unit
- Expansion slots
- Cooling system
- Modem
- UPS
- Input devices
- Output devices
CPU
CPU का पूरा नाम – सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) है। यह कंप्यूटर का ब्रेन (Brain) होता है।
इसे प्रोसेसर अथवा माइक्रोप्रोसेसर भी कहते है।
यह प्राप्त instructions के आधार पर data की प्रोसेसिंग करता है एवं यूजर को परिणाम उपलब्ध करवाता है।
साथ ही PC से जुड़े सभी उपकरणों को नियंत्रित करता है। एक प्रोसेसर चिप में कई processing units हो सकती है। प्रत्येक प्रोसेसिंग-यूनिट एक स्वतंत्र प्रोसेसर का कार्य करती है।
जैसे 8-core CPU में आठ अलग-अलग processing units होती हैं प्रत्येक processing units एक स्वतंत्र प्रोसेसर के रूप से काम करती हैं, एवं parallel processing, multitasking आदि करने में computer को सक्षम बनाती हैं।
इसके तीन भाग होते हैं –
अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट – अंकगणित एवं तार्किक गणनाओं को करने के लिए। कंप्यूटर की संपूर्ण प्रोसेसिंग CPU के इसी यूनिट द्वारा होती है।
कंट्रोल यूनिट – कंप्यूटर के सभी भागों व कार्यों को नियंत्रित करता है।
मुख्य मेमोरी – अस्थाई संग्रहण डिवाइस। वर्तमान समय में हो रही प्रोसेसिंग से संबंधित डेटा व इंस्ट्रक्शंस को hold (store) करके रखती है। जैसे – RAM, Cache Memory, Register. और पढ़ें
मदरबोर्ड (Motherboard) –
कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड है जो प्लास्टिक का बना होता है और कंप्यूटर के सभी भागों को जोड़ता है और इनके मध्य संचार स्थापित करता है।
मदरबोर्ड में कई तरह के slots, ports व connectors होते हैं जिनमें कंप्यूटर के विभिन्न कंपोनेंट को fit किया जाता है और ये कॉम्पोनेंट्स आपस में जुड़ते हैं और एक दूसरे से संचार स्थापित करते हैं। मदर बोर्ड कंप्यूटर का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक होता है।
RAM
Random Access Memory -अस्थाई मेमोरी (volatile memory) – कंप्यूटर की प्राथमिक (मुख्य) मेमोरी होती है, जो डेटा एवं निर्देशों को अस्थाई तौर पर संग्रहित करती है। कंप्यूटर बंद होते ही अर्थात जब कम्प्यूटर को पावर (बिजली) सप्लाई नही होती है तो इसमें संग्रहित डेटा नष्ट हो जाते हैं। यह मदरबोर्ड में बने स्लॉट में फिट रहती है। और पढ़ें
ROM
Read Only Memory – कंप्यूटर की स्थाई, मुख्य मेमोरी होती है जिसमें बायोस प्रोग्राम (BIOS Program) संग्रहित रहता है। यह read only मेमोरी होती है अर्थात इसमें संग्रहित प्रोग्राम को केवल रीड किया जा सकता है, इसमें राइट नहीं किया जा सकता है। कम्प्यूटर बंद करने पर अथवा कम्प्यूटर को power supply न मिलने पर भी इसमें संग्रहित डेटा व इन्स्ट्रक्शन्स नष्ट नही होते हैं। और पढ़ें
Storage device
कंप्यूटर की द्वितीयक मेमोरी (secondary storage) होती है यह non-volatile होती है अर्थात स्थाई संग्रहण प्रदान करती है। इसमें संग्रहित डेटा कंप्यूटर बंद करने पर अथवा पावर सप्लाई बंद हो जाने पर भी नष्ट नही होते हैं। यह कम्प्यूटर के लिए विशाल संग्रहण क्षमता प्रदान करती है।
जैसे – मैग्नेटिक डिस्क, जैसे – HDD (Hard Disk Drive), SSD (Solid State Drive), Pen Drive, Memory cards आदि।
Video card (GPU) –
इसे ग्रॉफिक्स कार्ड, डिस्प्ले एडेप्टर, या ग्रॉफिक्स एक्सेलेरेटर कार्ड भी कहते हैं।
एवं GPU का पूरा नाम Graphics Processing Unit होता है।
इसी की वजह से मॉनिटर, स्क्रीन में चित्र/ ग्राफिक्स/ दृश्य प्रदर्शित करता है।
Sound card –
इस कार्ड की मदद से ही स्पीकर, ध्वनि उत्पन्न करता है। इसे audio card भी कहते हैं।
Network card (NIC)
NIC का पूरा नाम Network Interface Card होता है। इसे LAN card अथवा Network Adapter के नाम भी जाना जाता है।
इस कार्ड का प्रयोग computer को network (LAN, MAN, WAN, Internet) से जोड़ने के लिए किया जाता है।
Power Supply Unit (PSU) –
कंप्यूटर के कॉम्पोनेंट्स को विद्युत सप्लाई करती है।
डेस्कटॉप कंप्यूटर में पावर सप्लाई का कार्य SMPS (Switched Mode Power Supply) द्वारा किया जाता है।
Expansion slot
कंप्यूटर के मदरबोर्ड में बने slots, जहां भविष्य में कंप्यूटर की क्षमता को बढ़ाने के लिए अन्य उपकरणों को जोड़ा जा सकता है।
इसके अलावा सिस्टम यूनिट (System Unit/ Cabinet) में आगे व पीछे विभिन्न बाह्य उपकरणों (accessories) को जोड़ने के लिए port एवं jack बने होते हैं जो निम्नलिखित है –
- USB Ports
- Monitor Port (Video Port)
- Network Port (Ethernet Port)
- Power Jack (Power socket)
- Thunderbolt Port आदि।
System Unit = डेस्कटॉप पीसी में बॉक्सनुमा यूनिट होती है जिसमें कंप्यूटर के समस्त internal components जैसेकि – Motherboard, CPU, memories, storage device, power supply unit, graphics card, sound card, network card, fan आदि समाहित होते हैं।
Cooling system – cooling devices
इनका उपयोग कम्प्यूटर के कम्पोनेन्ट्स विशेषकर CPU एवं GPU को अधिक गर्म होने (over heating) से बचाने के लिए किया जाता है। इसके अन्तर्गत fan एवं heat sink आते हैं।
Modem
मॉडेम का पूरा नाम – Modulator-Demodulator है।
यह कंप्यूटर को टेलफोन लाइन के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट करता है एवं data को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसमिट करता है।
इसके अलावा Wireless modem भी उपलब्ध हैं जो cellular networks अथवा Wi-Fi का प्रयोग करके बिना तार/केबल के ही computer/mobile को Internet से connect कर देते हैं। और पढ़ें
UPS
UPS का पूरा नाम – Uninterruptible Power Supply है।
Main power supply बन्द हो जाने पर अथवा voltage fluctuation होने पर computer को emergency power (बिजली) प्रदान करता है, जिससे कंप्यूटर अचानक बंद नहीं होता है और बिना रुके चलता रहता है।
यूपीएस में बैटरी लगी होती है जो पावर (बिजली) से चार्ज होती है, एवं इसमें कई सॉकेट होतें हैं जिनमें प्रिंटर, मॉनिटर, सिस्टम यूनिट, स्पीकर आदि के प्लग को insert किया जाता है।
Input devices
इनपुट डिवाइसेस का प्रयोग कम्प्यूटर को data एवं instructions प्रदान करने के लिए किया जाता है।
जैसे –
Mouse – प्वाइटिंग डिवाइस – सामान्यत: माउस में दो बटन व एक स्क्राल व्हील होती है। यूजर इन बटनों को single click, double click, and right single click करके computer को input प्रदान करता है। scroll wheal का उपयोग स्क्रीन से बड़े object या document को ऊपर-नीचे सरका कर देखने के लिए किया जाता है। साथ ही यह drag & drop की सुविधा भी प्रदान करता है। और पढ़ें
Keyboard – कुंजीपटल – विभिन्न प्रकार की बटनों की मदद से computer को input प्रदान किया जाता है। और पढ़ें
Scanner – इसके द्वारा किसी document को image को रूप में scan कर बाइनरी कोड में बदलकर computer को input प्रदान किया जाता है।
Mike – इसके माध्यम से voice (आवाज) को input के रूप में प्रदान किया जाता है। आदि।
Output devices
CPU द्वारा प्रोसेसिंग के परिणाम को प्रदर्शित करता है।
जैसे –
Monitor – सॉफ्टकॉपी आउटपुट डिवाइस – output को visual form में स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है। और पढ़ें
Printer – हार्डकॉपी आउटपुट डिवाइस – output को printed form में कागज पर प्रस्तुत करता है। और पढ़ें
Speaker – वॉइस आउटपुट डिवाइस – output को ध्वनि (sound) के रूप में प्रदर्शित करता है। और पढ़ें