कंप्यूटर की विशेषताएँ एवं क्षमताएँ – Characteristics and Capabilities of Computer

कंप्यूटर की विशेषताएँ एवं क्षमताएँ निम्नलिखित हैं –

Speed (गति) –

कंप्यूटर अत्यधिक तीव्र गति से कार्य करता है। यह लाखों गणनाएं प्रति सेकंड में पूरा कर लेता है। मनुष्य को जो कार्य करने में कई सप्ताह या कई महीने लग जाते हैं, कंप्यूटर की सहायता से वह कार्य केवल कुछ ही सेकंडों में पूरा कर लिया जाता है, जिससे समय की अत्यंत बचत होती है।

सामान्यतः कंप्यूटर की गति को –

  • माइक्रो सेकंड – एक सेकंड का10-6 भाग
  • नैनो सेकंड – एक सेकंड का10-9 भाग
  • पिको सेकंड – एक सेकंड का10-12 भाग

आदि से निर्धारित करते हैं।

Accuracy (शुद्धता) –

अत्यंत तीव्र गति में गणना करने के साथ ही, कंप्यूटर द्वारा प्रस्तुत किया गया परिणाम पूर्णतः शुद्ध (सही) एवं त्रुटि रहित होता है। इसके अलावा कंप्यूटर गलतियों को पहचानने (error detection) एवं उनको हैंडल करने के कार्य को भी परफॉर्म करता है।

कंप्यूटर में कोई गणना करते समय या कोई अन्य कार्य करते समय, जो हमें त्रुटि (अशुद्धता) दिखाई देती है वह – गलत डेटा इनपुट करने के कारण, सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर में तकनीकी खराबी की वजह से, अथवा कोई अन्य मानवीय गलतियों के कारण संभव होती है।

Storage / Memory (संग्रहण / स्मृति) – High storage capacity

कंप्यूटर विशाल डेटा के भंडार को स्थाई रूप से संग्रहित करने में सक्षम है। यह डेटा किसी भी रूप में जैसे कि – टेक्स्ट डॉक्यूमेंट, पिक्चर, ऑडियो, वीडियो आदि तरह के हो सकते हैं।

इसके लिए कंप्यूटर में इंटरनलएक्सटर्नल दो प्रकार की मेमोरी होती है। इंटरनल मेमोरी (RAM, cache memory) की क्षमता सीमित होती है परंतु एक्सटर्नल मेमोरी जैसे कि HDD, SSD आदि की क्षमता असीमित होती है। User, अपनी जरूरत के आधार पर कंप्यूटर की एक्सटर्नल मेमोरी में जितना चाहे उतना डेटा रख सकता है, और जरूरत पड़ने पर उन्हें कई वर्षों बाद भी दोबारा प्राप्त (access) कर सकता है।

Versatility (व्यापकता) – व्यापक उपयोग

कंप्यूटर की व्यापकता का अर्थ – इसका विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, वैज्ञानिक रिसर्च, मनोरंजन, बैंक, व्यापार, रक्षा, संचार, चिकित्सा, प्रकाशन, आरक्षण आदि मे अनेकों प्रकार के उपयोग से है।

User, विभिन्न तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अपने कार्यों को पूरा कर सकते हैं। कंप्यूटर को नेटवर्क अथवा इंटरनेट से जोड़ने पर कंप्यूटर की उपयोगिता अद्भुत रूप से बढ़ जाती है।

Diligence (परिश्रम-शीलता/ कर्मठता)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (machine) होने के कारण थकान (tiredness) और एकाग्रता की कमी (lack of concentration) कभी भी महसूस नहीं करता है। कई घंटों, दिनों, महीनो तक लगातार त्रुटि रहित कार्य करता रहता है।

अगर कंप्यूटर को लाखों गणनाऍं करनी है तो वह प्रत्येक गणना को शुरू से लेकर आखिरी तक एक समान लगन और कर्मठता के साथ पूरा करेगा। इसके विपरीत यदि मनुष्य कोई कार्य करता है तो कुछ ही घंटे में उसका शरीर और मस्तिष्क थकावट महसूस करने लगता है और कार्य की कुशलता धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती है। परंतु कंप्यूटर कभी नहीं थकता है।

कंप्यूटर की यह क्षमता, task को परफॉर्म करने के लिए उसे मनुष्य से शक्तिशाली बनाती है।

Automation (स्वचालन) –

कंप्यूटर द्वारा किसी कार्य को पूरा करने के लिए, जब प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है तो उन कार्यों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑटोमेटेकली पूरा कर देता है।

अर्थात जब कोई यूजर, अपना कोई कार्य करवाने के लिए आवश्यक डेटा और निर्देश कंप्यूटरको प्रदान कर देता है, तो कंप्यूटर (CPU) इन data व instructions को मेमोरी से ग्रहण करके प्रक्रिया प्रारंभ कर देता है, और प्रत्येक निर्देश को तब तक स्वत: ही एग्जीक्यूट करता रहता है जब तक कार्य पूर्ण ना हो जाए।

Reliability (विश्वसनीयता) –

कंप्यूटर निम्न बिन्दुओं के आधार पर  एक विश्वसनीय मशीन है –

  • सही डेटा व निर्देश इनपुट करने पर सही, त्रुटि-रहित व विश्वसनीय परिणाम प्रदान करता है।
  • मेमोरी में स्टोर किए गए डेटा को बिना परिवर्तन किए हुए वर्षों तक वैसे ही स्टोर करके रखता है और जरूरत पड़ने पर यूजर को प्रदान करता है। अर्थात डेटा इंटीग्रिटी को बनाए रखता है।
  • बड़े से बड़े डेटा पर प्रक्रिया (process) करके तीव्र गति से व विश्वसनीय आउटपुट उपलब्ध कराता है।
  • Data व information के लिए बैकअप एवं रिकवरी की सुविधा प्रदान करता है।
  • कंप्यूटर खुद से कनेक्ट हुए हार्डवेयर को बेस्ट यूटिलाइज करके यूजर को रिलायबल (विश्वसनीय) आउटपुट प्रदान करता है।
  • बार-बार crash होना, सिस्टम का फेल होना (system failure), और कंप्यूटर का अचानक बंद हो जाना (unexpected shutdown) आदि तरह की असुविधाऍं, यूजर को face नहीं करनी पड़ती है, यदि कंप्यूटर का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सही से परफॉर्म कर रहा है।

Feeling less – No Feelings (भावनाओं का अभाव) –

चूँकि कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, इसी कारण इसमें भावनाओं का अभाव होता है, अर्थात इसमें सुख-दुख, ज्ञान, अनुभव, थकान, उदासी, समझदारी, आदि का अभाव होता है।

यह अपने से कुछ भी नहीं कर सकता, यहां तक कि यह सही यूजर (authentic user) को भी पहचानने में सक्षम नहीं है।

यह उपयोगकर्ता के बीच भेदभाव नहीं करता है, सब के साथ एक समान व्यवहार और सब को एक समान परिणाम प्रदान करता है। सभी भावनाओं से रहित थकान, उदासी आदि का अनुभव किए बिना लगातार कार्य करना कंप्यूटर की एक मुख्य विशेषता है।

Lack of decision making power (निर्णय लेने की क्षमता का अभाव) –

कंप्यूटर खुद से निर्णय लेने में सक्षम नहीं होता है, अर्थात यह खुद ही यह निश्चित करने में समर्थ नहीं होता है कि किस data के साथ कौन से operation अर्थात कौन सी प्रक्रिया परफॉर्म करनी हैं।

यह केवल user द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर ही task को पूरा करता है और तीव्र गति से परिणाम उपलब्ध कराता है।

कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए प्रोग्राम (set of instructions) लिखे जाते हैं ताकि कंप्यूटर उन निर्देशों के आधार पर कार्य कर सके। एक बार यूज़र ने कंप्यूटर को निर्देश दे दिया, उसके बाद उन निर्देशों के आधार पर कंप्यूटर step by step निर्णय लेता है पर computer को खुद से निर्णय लेने के निर्देश, यूजर द्वारा प्रारंभ में ही computer को दिया जा चुका होता है।

Security (सुरक्षा) –

कंप्यूटर एंटीवायरस प्रोग्राम, फायरवॉल एवं इंक्रिप्शन तकनीक द्वारा डेटा की सुरक्षा करता है

Scalability (स्केलेबिलिटी) – ability to growth अथवा Expansion of Computer

कंप्यूटर में स्केलेबिलिटी का एक विशेष गुण होता है, जिसके द्वारा कंप्यूटर सिस्टम की क्षमता को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। इसमें नए व आधुनिक हार्डवेयर को जोड़कर, सॉफ्टवेयर को अपडेट अथवा अपग्रेड करके, नेटवर्किंग की सुविधा का उपयोग करके, परफॉर्मेंस में सुधार करके आदि के द्वारा कंप्यूटर की क्षमता को अद्वितीय रूप से बढ़ाया जा सकता है।

Communication (संचार) –

कंप्यूटर्स, नेटवर्किंग के माध्यम से एक दूसरे से संचार स्थापित कर सकते हैं, एवं विभिन्न तरह की फाइल्स का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

Machine code अथवा Binary system –

कंप्यूटर मूल रूप से केवल मशीन कोड अथवा बाइनरी लैंग्वेज (0 एवं 1) की ही भाषा समझता है। सीपीयू द्वारा डेटा की प्रोसेसिंग एवं प्राप्त डेटा व आउटपुट को मेमोरी में संग्रहित करना आदि बाइनरी नंबर सिस्टम के अनुसार ही करता है।

Multi-tasking अथवा Multi-processing –

ह्यूमन बॉडी एवं ब्रेन कमश: मल्टी टास्किंग एवं मल्टी प्रोसेसिंग के लिए नहीं बना है। ऐसा करने से वह जल्द ही थकावट महसूस करने लगता है और कार्य की कुशलता प्रभावित होती है।

पर कंप्यूटर का ब्रेन (CPU) एक साथ कई task को परफॉर्म (मल्टी टास्किंग) एवं एक साथ इकाई प्रक्रिया को एग्जीक्यूट (मल्टी प्रोसेसिंग) बड़ी ही कुशलता से कर सकता है।

उदाहरण – यूजर अपने कंप्यूटर सिस्टम में एक साथ कई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में कार्य कर सकता है।


 

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